Manorama International School, Deokar
School Memories
हो गयी सुबह अब स्कूल जाना है लास्ट बेंच पर बैठकर हँसना और हँसाना हैं लग गयी बेल लाइन से assembly में जाना है ...... दिलीप फुल ड्रेस में नहीं था वह बचने के बहाने सोच रहा था शूज़ गंदे थे चंदू के वो अपनी ही पेंट पर पोंछ रहा था आ गए सब असेंबली में लाइन सबकी बन गई सामने से कमांड आई और प्रेयर स्टार्ट हो गई आगे वाले प्रेयर बड़े अच्छे से गा रहे थे और पीछे वाले आगे वालों को हंसा रहे थे असेंबली के बाद सारे क्लास में आ जाते थे जो जिसका अजीज था वह के पास जाकर बैठ जाता था और गॉसिप करते करते थोड़ा टाइम भी निकल जाता था.........
सब्जेक्ट टीचर थी सुषमा मैम, थी उनकी हिंदी की क्लास पर दोस्तों के साथ बैठकर करते थे पीछे हम बकवास यार आज पढ़ने का मूड नहीं , चल मैडम का मन बहलायें रामायण का question तू पूछ ताकि मैम हमको महाभारत सुनाएं जस्सू शौर्या से थोड़ा बात तो कर लो स्नेहा यू चिड़ जाती थी मतलबी हो गई है कहकर वह मुझे डांट लगाती थी
सेकंड लेक्चर में हम कुछ important discuss कर रहे थे कौन कितने पटाखे फोड़ेगा इस बारे में बात कर रहे थे next lecture में लोकेश सर, कुछ ऐसी बात कह गए दो प्रैक्टिस पेपर दे रहा हूं यह सुनते ही दिवाली के सारे पटाखे फूट गए स्कूल स्टार्ट होने के 1 दिन पहले यह बात ज़हन में आती थी कॉपी सबमिशन के साथ सर ने टेस्ट का भी बोला था यह बात याद आती थी अब....... अब क्या!!!
ऐसे सिचुएशन में हमेशा वह दोस्त ही याद आता था जो एग्जाम के 1 दिन पहले हमें परेशान किया करता था और टेस्ट 5 मिनट पहले टीचर की तरह समझाता था
क्लास में प्रिंसिपल के आते ही हम extrawell mannered बन जाते थे और सर की क्लास से जाते ही manner का m भी भूल जाते थे खेक्सी, पुररु ,कंदिल ,मोटा हर फ्रेंड को एक निक नेम दे रखा था दोस्त था हमारा सलमान भाई जो सबसे निराला था
सुदीप सर की डांट, जय सर के साथ मस्ती और लोकेश सर की पनिशमेंट हमें बहुत याद आएगी सुषमा मैम का रामायण, निकिता मैम की केयर प्रगति मैम का डर हमें बहुत याद सताएगा और हर दिन हर सुबह दिल सिर्फ एक ही बात दोहराएगा की हो गई सुबह अब स्कूल जाना है , लास्ट बेंच पर बैठकर हंसना और हंसाना है
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♥️🧿
जवाब देंहटाएंबीते हुवे पलों में फिर नई उमंग के साथ निखार लाने की एक ललक देखने को मिल रही है, मन प्रसन्न हो उठा। ऐसी रचना जो दिल के असीम गहराईयों तक जाकर हमें हमारे पुराने मित्रों, सहपाठियों से अवगत कराये, मन में एक अनोखा चित्रण कर हमारे सुप्त मन में चंचलता लाये, निःसंदेह यह एक विचारात्मक पहलू ही नहीं बल्कि यादों को तरोताजा करने की सुलभ विधि है।
जवाब देंहटाएंरूह में सरलता से स्थान बनाने के साथ-साथ यह कलमकारी हमें शांति का भी पाठ पढ़ा रही एवं अनेक घटनाओं से रू-ब-रू कराकर अागे अग्रसर होते रहने की चेष्टा कर रही। बेहद सराहनीय...😊💐🌹🌸👏👍✍👐
बहुत सुन्दर
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